Friday, February 24, 2012

निरंतर कह रहा .......: हँसमुखजी बचपन से बड़े भोले थे (हास्य कविता)

निरंतर कह रहा .......: हँसमुखजी बचपन से बड़े भोले थे (हास्य कविता): हँसमुखजी बचपन से बड़े भोले थे सच बोलने की बीमारी से ग्रसित थे इसे कारण कई बार परेशानी में फंस चुके थे स्कूल में सबसे उत्तम कविता लिखने पर...

1 comment:

  1. सच्ची बात कडवी लगती है,...
    बहुत अच्छी प्रस्तुति,

    MY NEW POST...आज के नेता...

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