Monday, September 5, 2011

ज़माना बदल गया है

ज़माना बदल गया है,
पैमाना बदल गया है

अपनों से खार खाना,

दस्तूर बन गया है

बेदर्दी से दिल तोड़ना,

आसान हो गया है,

"निरंतर"गले मैं हाथ,

पर दिल मैं आग

पीठ मैं खंजर मारना,

फैशन हो गया है,

राजनीती को 

धंधा मानने वालों को 
देश सेवक,

देश सेवकों को बीता हुआ 

कल कहा जाता हैं,

दूसरों के दुःख मैं सुखी,

पर चेहरे से जो दिखे दुखी,

उनको शुभ चिन्तक,और 

गाली देने वालों को

तहजीब का 

पहरेदार कहा जाता है,

मौत पर हाजरी का,

दस्तूर निभाया जाता है,

शमशान मैं ही शाम का,

प्रोग्राम बनाया जाता है

वेलेंटाइन डे,सबसे बड़ा

त्योंहार हो गया है,

अपने को सबसे बेहतर,

बताना जरूरी हो गया है,

पैमाना बदल गया है,

ज़माना बदल गया है


19-08-2010

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