Wednesday, December 7, 2011

हँसमुखजी ने प्रेमपत्र लिखा (हास्य कविता)


हँसमुखजी का
हाथ हिंदी में तंग था
फिर भी प्रेमिका को
हिंदी में प्रेम पत्र लिख दिया
तुम मेरी दिल लगी  हो
स्वर्गवासी अप्सरा सी
लगती हो
तुम्हारे लिए चाँद तारे
तोड़ कर ला सकता हूँ
कोई नज़रें उठा कर
तुमको देखे ले तो
यमराज की तरह
जान भी ले सकता हूँ
प्रेमिका ने भी प्रेमपत्र का
जवाब प्रेम से दिया
ओ मेरे दिल के चौकीदार
मुझे पाना है तो
तुम्हें भी स्वर्गवासी होना
पडेगा
चाँद तारों को तोड़ने से
पहले
उन्हें छोटा कर पेड़ पर
लटकाना होगा
किसी की जान लेने से पहले
यमराज सा दिखना होगा
विवाह के लिए
भैंसे पर बैठ कर आना
पडेगा
अगला प्रेम पत्र लिखो
उसके पहले हिंदी को
सुधारना होगा
07-12-2011
1845-13-12

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