Tuesday, December 13, 2011

हँसमुखजी बोले नेताओं से अच्छा हूँ (हास्य कविता)


हँसमुखजी
अनशन पर बैठे
तीन घंटे में पेट के चूहे
उछल कूद मचाने लगे
हँसमुखजी उनसे बोले
दो दिन तो सब्र करो
मेरी तरह अनशन करो
पेट के चूहे बोले
पहले खूब खाते हो
आदत बिगाड़ते हो
फिर भूखे मारते हो
हँसमुखजी बोले
नेताओं से अच्छा हूँ
लुभावनी बातों से
तुम्हारा  पेट नहीं
भरता हूँ
मेहनत करता हूँ
खुद खाता हूँ
तुम्हें भी खिलाता हूँ
खुल कर डकार लेता हूँ
नेता बिना काम करे
निरंतर हज़ारों का
अकेले ही खाते हैं
जनता के खाने पर
डाका डालते हैं
फिर भी डकार नहीं
लेते हैं
13-12-2011
1858-26-12

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