अखबार पढ़ रहा थ,रोचक समाचार खोज रहा था
खबर थी बेटे ने बाप को मारा,आधे पेज में वर्णन था
बाप शहीद हो गया ,बेटा मीडिया में हीरो हो गया
सुबह से रात तक, टी वी पर छा गया
बाप -बेटे के रिश्तों पर,नयी बहस छिड़ गयी,
टी वी पर चर्चा में भाग लेने वाले विद्वानों की
संख्या बढ़ती गयी ,
चैनल की टी-आर-पी बढ़ गयी
चैनल की टी-आर-पी बढ़ गयी
अनेका बाप डर गए, बेटे शेर हो गए
अपराध से प्रेरणा लेने वालों का,जोश बढ़ गया
मीडिया में छाने का,नया तरीका हाथ लग गया
मीडिया में उसे बढ़ चढ़ कर दिखा रहे हैं
चैनल निरंतर होड़ में, नए फुटएज दिखा रहे हैं
चैनल निरंतर होड़ में, नए फुटएज दिखा रहे हैं
इस से व्यथित मैं सोचने लगा,हम कहाँ जा रहे हैं
अपराध को रोकने की जगह उसे बढ़ा रहे हैं
अपराध को रोकने की जगह उसे बढ़ा रहे हैं
सत्य दिखाने के नाम पर,कुकृत्य दिखा रहे हैं
हम आगे जा रहे हैं या पीछे,समझ नहीं पा रहे हैं
20-09-2010
No comments:
Post a Comment