वो अस्सी वर्ष के
मोटी चमड़ी वाले घाघ
नेता थे
बिना पद के थे
अवसाद में सख्त बीमार हुए
मौत के कगार पर पहुंचे
बचाने के सारे जतन
अवसाद में सख्त बीमार हुए
मौत के कगार पर पहुंचे
बचाने के सारे जतन
विफल हो गए
परमात्मा भी नहीं पिघले
अंतिम प्रयास में ,
परमात्मा भी नहीं पिघले
अंतिम प्रयास में ,
एक अन्य नेता ने
उनके कान में कहा
आपको चुनाव का टिकट
उनके कान में कहा
आपको चुनाव का टिकट
मिल गया
नेताजी ने आँखें खोली
हल्की मुस्कान बिखेरी
थोड़े दिनों में स्वस्थ हो गए
चुनाव लड़े और जीत गए
मंत्री बने,कई घोटाले किये
जनता और कोर्ट के दबाव में
पद मुक्त हुए
परदे के पीछे से चालें
नेताजी ने आँखें खोली
हल्की मुस्कान बिखेरी
थोड़े दिनों में स्वस्थ हो गए
चुनाव लड़े और जीत गए
मंत्री बने,कई घोटाले किये
जनता और कोर्ट के दबाव में
पद मुक्त हुए
परदे के पीछे से चालें
चलने लगे
चालों ने असर दिखाया
राज्य के गवर्नर नियुक्त हुए
राजनीती से बाज़ नहीं आये
रोज़ नए गुल खिलाने लगे
अखबारों की सुर्खी बने रहे
किसी तरह पांच वर्ष हुए
गवर्नरी से भी मुक्त हुए
मरते वक़्त भी
चालों ने असर दिखाया
राज्य के गवर्नर नियुक्त हुए
राजनीती से बाज़ नहीं आये
रोज़ नए गुल खिलाने लगे
अखबारों की सुर्खी बने रहे
किसी तरह पांच वर्ष हुए
गवर्नरी से भी मुक्त हुए
मरते वक़्त भी
किसी आयोग के चेयरमैन थे
जनता के सच्चे सेवक थे
निरंतर
देश सेवा के नाम पर
जनता के सच्चे सेवक थे
निरंतर
देश सेवा के नाम पर
अंतिम क्षण तक
तन मन से
घोटालों में लिप्त थे
तन मन से
घोटालों में लिप्त थे
नए नेताओं के लिए
प्रेरणा स्त्रोत्र थे
18-06-2011
1066-93-06-1118-06-2011
No comments:
Post a Comment