Wednesday, September 7, 2011

छोडो इस को, कोई नयी बात करो(व्यंग्य )

कहीं
नया घोटाला हुआ
जनता से धोखा हुआ
कहीं लूट हुई,कहीं डाका पडा
छोडो इस को,कोई नयी बात करो
रिश्वत लेते पकड़ा गया
रिश्वत दे कर छूट  गया
कोई मारा गया,कोई बच गया
क्या किसी का बिगड़ा
छोडो इस को,कोई नयी बात करो
बलात्कारी बच गया,कातिल छूट  गया
तुम्हारा क्या गया
छोडो इस को,कोई नयी बात करो
सरकार  किस ने पल्टी
पार्टी किसने बदली
निरंतर चर्चा टी वी पर होती
खबर अखबार में छपती
तुम्हें क्या तकलीफ हुई
छोडो इस को,कोई नयी बात करो
कल बंद है परसों हड़ताल
कहीं बस में आग लगाई
पुलिस ने गोली चलाई
कौन सी नयी बात बतायी
सब की सब  पुरानी  हैं
छोडो इस को,
कोई नयी बात करो
30-10-2010

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