Wednesday, September 7, 2011

तुम भी समेट सको,जितना समेट लो,नहीं तो पीछे रह जाओगे





आज
मुझे एक नेता
मिला
धीरे से कान में
बोला
इमानदारी की बात
करते हो
वक़्त से पीछे चल
रहे हो
बींसवी सदी में जी
रहे हो
अफसर,नेता सब को
देख लो
निरंतर समेट रहे हैं
तुम भी समेट सको
जितना समेट लो
नहीं तो पीछे रह
जाओगे
पिछड़े के साथ, 
मूर्ख भी कहलाओगे
20-01-2011

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