एक
शेर जंगल में
एक नेता के सामने पडा
नेता को देख
जोर से रोने लगा
फिर घबरा कर भाग गया
एक पत्रकार को घटना का
नेता को देख
जोर से रोने लगा
फिर घबरा कर भाग गया
एक पत्रकार को घटना का
पता लगा
उसने शेर को ढूंढा
साक्षात्कार उस का लिया
रोने,घबराने का कारण पूंछा
शेर सहमते हुए बोला
सिर्फ नेताओं से घबराता हूँ
कब सत्ता पलट दे
उसने शेर को ढूंढा
साक्षात्कार उस का लिया
रोने,घबराने का कारण पूंछा
शेर सहमते हुए बोला
सिर्फ नेताओं से घबराता हूँ
कब सत्ता पलट दे
डरता हूँ
जंगल में अमन शांती है
जंगल में अमन शांती है
कब दंगा करा दें
जानवरों को दल बदलवा दें
रिश्वत खा कर जंगल
जानवरों को दल बदलवा दें
रिश्वत खा कर जंगल
लुटवा दें
निरंतर,किस्से इनके हूनर के
निरंतर,किस्से इनके हूनर के
सुने है
अपने देश को नहीं छोड़ा
जंगल को क्या ख़ाक छोड़ेंगे
इसलिए घबराता हूँ
अपने देश को नहीं छोड़ा
जंगल को क्या ख़ाक छोड़ेंगे
इसलिए घबराता हूँ
परमात्मा से रोज़ प्रार्थना
करता हूँ
इनका अलग देश बसा दे
नेताओं को एक जगह
इनका अलग देश बसा दे
नेताओं को एक जगह
इकट्ठा करा दे
आपस में भिड़ा दे
इनकी दवा से इनका ही
आपस में भिड़ा दे
इनकी दवा से इनका ही
इलाज करा दे
22-11-2010
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