हंसमुख जी
शहर के मेयर बन गए
आम से ख़ास हो गए
पहले खाली थे
अब व्यस्त हो गए
बैठे ठाले नेता हो गए
स्कूटर से कार पर आ गए
अब हर समारोह के
अध्यक्ष होते हैं
पहले पीछे बैठते थे
अब मंच पर होते हैं
हर विषय पर भाषण देते हैं
भीड़ से नफरत करने वाले
हमेशा भीड़ से घिरे होते हैं
पहले फ़ोन की घंटी का
इंतज़ार करते थे
अब फ़ोन बंद रखते हैं
व्यवस्थाओं के बहुत बड़े निंदक
अब सबसे बड़े प्रशंसक हैं
अब चाल में अकड़
अंदाज़ में बांकपन है
आखों पे धूप का चश्मा
हाथ में लेटेस्ट मोबाइल है
हंसमुख जी
शहर के मेयर बन गए
अब आम से ख़ास हो गए
22-10-2010
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