हंसमुख जी
बोले डाक्टर से
नींद नहीं आती,
मन नहीं लगता ,
मन नहीं लगता ,
चैन खो गया है
अजीब सा डर लगता है
मुझे कुछ हो गया है
डाक्टर बोला आप को
इश्क का बुखार हो गया है
फौरन इश्क कर लो
अपना इलाज खुद कर लो
हंसमुख जी बोले,इश्क तो हो गया था
मिलना भी शुरू हो गया था
उसके पहलवान भाई को
पता चल गया
एक दिन घर आया
बोला पीछा छोडोगे
या हाथ पैर तुड्वाओगे
ऐसी की तैसी,अपनी करवाओगे
तब से निरंतर,अजीब सा लगता है
मन जीने का नहीं करता है
सपने में भी मुझे पहलवान
दिखता है
23-10-2010
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