मुझे
देख कर वो पास आये
मुस्कराए
फिर हौले से बोले
इतने दिन कहाँ थे
नज़र नहीं आये
किस उलझन में फंसे थे
मुस्कराए
फिर हौले से बोले
इतने दिन कहाँ थे
नज़र नहीं आये
किस उलझन में फंसे थे
रास्ता भटके थे
या किसी और के साथ
या किसी और के साथ
अटके थे
मैंने कहा सच बताऊँ
अस्पताल में भरती था
तुम्हारे चक्कर में पिटा था
जाल में तुम्हारे ही फंसा था
तुम में ही अटका था
निरंतर डरा हुआ था
तुम्हारे बाप और भाई ने ही
मैंने कहा सच बताऊँ
अस्पताल में भरती था
तुम्हारे चक्कर में पिटा था
जाल में तुम्हारे ही फंसा था
तुम में ही अटका था
निरंतर डरा हुआ था
तुम्हारे बाप और भाई ने ही
पीटा था
पीछा छोड़ दे
वरना क़त्ल कर देंगे
कहा था
कहा था
03-10-2010
No comments:
Post a Comment