Monday, September 5, 2011

तुम्हारे बाप और भाई ने ही पीटा था

मुझे
देख कर वो पास आये
मुस्कराए

फिर हौले से बोले

इतने दिन कहाँ थे

नज़र नहीं आये

किस उलझन में फंसे थे
रास्ता भटके थे
या किसी और के साथ
अटके थे
मैंने कहा सच
बताऊँ
अस्पताल में भरती था

तुम्हारे चक्कर
में पिटा था
जाल में तुम्हारे
ही फंसा था
तुम में ही अटका था

निरंतर
डरा हुआ था
तुम्हारे बाप और भाई ने ही
पीटा था
पीछा छोड़ दे
वरना क़त्ल कर देंगे
कहा था
03-10-2010

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