उनकी
जुबान की मिठास का
गजब देखिए
तमाचा मार कर पूंछते
हुज़ूर दर्द हुआ हो तो
माफ़ कीजिए
गाली दे कर,कहते
जनाब बुरा ना मानिए
एक दिन हद हो गई
पत्नी को तवायफ कहा
फिर आसानी से कह दिया
माफी चाहता हूँ
पहचानने में गलती हुई
अपनी औलाद को
सूअर की औलाद कहा
फिर मुस्करा कर बोले
दिल से ना लगाना
जरिए हकीकत,मज़ाक
कर रहा था
नौकर को हरामी का
पिल्ला कहते
तमीज से बात नहीं करता
कह कर डांट लगाते
नौकर तुनकत़ा तो कहते
बुरा ना मानना
प्यार जता रहा था
निरंतर कभी हाथ तो कभी
जुबान फिसलती
नफासत से ख्याल दिल के
इज़हार करते
हर मिलने वाले को
नसीहत देते
तमीज,तहजीब से
बात करनी चाहिए
ज़िन्दगी में सब्र भी
रखनी चाहिए
24-01-2011
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