Monday, September 5, 2011

फौरन फैसला कर डालो शादी का लड्डू खा लो


अच्छी
सूरत किसे ना भाती
मुस्काराहट दिल किस का
ना गुदगुदाती
इशारा नज़र किस की
ना देखती
क्यूं जान कर भी अनजान
बनते हो
धोखा खुद को देते हो
जिसे खुदा ने तराशा
दावत क्यों ना उसको देते
क्यूं कद्र हुस्न का ना करते
निरंतर हुस्न ने दुनिया को
 लुभाया
राजा महाराजों ने राज पाट
गंवाया
निरंतर जंग हुस्न ने कराया
बेटे को बाप से लड़ाया
बहुतों को कब्र में पहुंचाया
अब तो समझ जाओ
कद्र हुस्न की करो
मदद दोस्तों की लो
इश्तहार अखबार में दो
नहीं तो शहर में ढूंढ लो
हुस्न वाले को अपना
बनाओ
बूढ़े होने से पहले माला
गले में डाल दो
अभी रो रहे हो, 
बाद में रो लेना
हुस्न का मज़ा तो
चख लेना
तुम्हें तो पछताना है
शादी ना करोगे तो 
पछताओगे
करोगे तो भी पछताओगे
फौरन फैसला कर डालो
शादी का लड्डू
खा लो
23-01-2011

No comments:

Post a Comment