क्या हो गया आज ?
सब ठीक तो है
आपकी हँसी की खनक
सुनायी न दी
आपकी मोहिनी सूरत
भी दिखायी न दी
नीली आँखों की झलक
भी नज़र ना आयी
गुलाब की पंखुड़ियों से
होठों की मुस्कान
कहाँ छुप गयी ?
बल खाती कमर ने
बल क्यों नहीं खायी
कोई बात नहीं
अब तक सब्र किया
सिर्फ सपने में देखा
आज भी सब्र कर लेंगे
कभी तो हकीकत में
मिलोगे
जब तक ख्यालों में
खोते रहेंगे
दिल बहलाने को यूँ ही
लिखते रहेंगे
सब ठीक तो है
आपकी हँसी की खनक
सुनायी न दी
आपकी मोहिनी सूरत
भी दिखायी न दी
नीली आँखों की झलक
भी नज़र ना आयी
गुलाब की पंखुड़ियों से
होठों की मुस्कान
कहाँ छुप गयी ?
बल खाती कमर ने
बल क्यों नहीं खायी
कोई बात नहीं
अब तक सब्र किया
सिर्फ सपने में देखा
आज भी सब्र कर लेंगे
कभी तो हकीकत में
मिलोगे
जब तक ख्यालों में
खोते रहेंगे
दिल बहलाने को यूँ ही
लिखते रहेंगे
08-09-2011
1466-38-09-11
1466-38-09-11
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