हंसमुख जी
बड़े अफसर थे
पैसे खूब कमाते थे
इसलिए अकड़ में रहते थे
एक दिन एक नेता से
उलझ गए
कौन ज्यादा भ्रष्ट है
इस पर अटक गए
तूँ तूँ में में होनी लगी
कितनी जांचें चल रही हैं
गिनती होने लगी
बात बढ़ती गयी
हंसमुख जी बोले
मेरी जांच हाई कोर्ट का
जज कर रहा है
नेता बोले में जानता था
मुझ से ज्यादा भ्रष्ट
नहीं हो सकते
मेरी जांच जे पी सी से लेकर
सुप्रीम कोर्ट तक कर रहा है
भ्रष्टाचार हम नेताओं के
जीने का ढंघ हो गया है
अफसर रास्ते जरूर बताते हैं
पर हम से ज्यादा भ्रष्ट
नहीं हो सकते
नेताओं को तसल्ली है
अफसर भी निरंतर तरक्की
कर रहे हैं
ज्यादा से ज्यादा भ्रष्ट
हो रहे हैं
13-12-2010
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