सरकार गरीबों को,
मुफ्त में मोबाइल बाँट रही है
नया खर्चा बाँध रही है,
महंगाई से त्रस्त,
जनता को,
नए फोर्मुले से लुभा रही है
भोली जनता में हाहाकार मच रहा है,
मोबाइल बाप रखे या बेटा,
लफडा हो रहा है
काम हो न हो,
फ़ोन पर फ़ोन होने लगे,
महंगाई से परेशान थे,
अब फ़ोन से परेशान होने लगे
एक समझदार को ख्याल आया,
नेताजी रास्ता निकालेंगे
इसलिए दिल्ली फ़ोन मिलाया,
पर जवाब न आया,
वो मायूस हो गया,
दूसरे समझदार से रहा न गया
बोला निरंतर अंधे बहरों को,
क्यूं फ़ोन कर रहें हो ?
गोदाम में अनाज सड़ रहा है,
इंसान भूखा मर रहा है
वो नहीं दिख रहा है,
भूख से बच्चा रो रहा है
उसको कोई कहाँ सुन रहा है,
तूं सोचता है
तेरे मोबाइल की घंटी सुनेंगे,
समस्याओं का निदान करेंगे
दिल्ली में सब सो रहे हैं,
क्यूं उनकी नींद खराब कर रहे हो
तुम रोते रहोगे,
नेताओं की बातों में फंसते रहोगे
18-09-2010
मुफ्त में मोबाइल बाँट रही है
नया खर्चा बाँध रही है,
महंगाई से त्रस्त,
जनता को,
नए फोर्मुले से लुभा रही है
भोली जनता में हाहाकार मच रहा है,
मोबाइल बाप रखे या बेटा,
लफडा हो रहा है
काम हो न हो,
फ़ोन पर फ़ोन होने लगे,
महंगाई से परेशान थे,
अब फ़ोन से परेशान होने लगे
एक समझदार को ख्याल आया,
नेताजी रास्ता निकालेंगे
इसलिए दिल्ली फ़ोन मिलाया,
पर जवाब न आया,
वो मायूस हो गया,
दूसरे समझदार से रहा न गया
बोला निरंतर अंधे बहरों को,
क्यूं फ़ोन कर रहें हो ?
गोदाम में अनाज सड़ रहा है,
इंसान भूखा मर रहा है
वो नहीं दिख रहा है,
भूख से बच्चा रो रहा है
उसको कोई कहाँ सुन रहा है,
तूं सोचता है
तेरे मोबाइल की घंटी सुनेंगे,
समस्याओं का निदान करेंगे
दिल्ली में सब सो रहे हैं,
क्यूं उनकी नींद खराब कर रहे हो
तुम रोते रहोगे,
नेताओं की बातों में फंसते रहोगे
18-09-2010
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