हंसमुख जी
अखबार पढ़ रहे थे
साथ ही मुस्करा रहे थे
मैंने पूंछा क्यों मुस्करा रहे हैं
मैंने पूंछा क्यों मुस्करा रहे हैं
क्या कोई मजेदार खबर छपी है ?
वे बोले एक नेता ने
वे बोले एक नेता ने
दूसरे नेता को भ्रष्ट कहा
जनता का दुश्मन और
देश के लिए नासूर कहा
देश के लिए नासूर कहा
भाई ने भाई को पहचाना
पत्रकारों का हाल तो देखो
सत्य को खबर बता कर
अखबार के पन्ने भर रहे हैं
पाठकों को बरगला रहे हैं
निरंतर मूर्ख बना रहे हैं
अखबार के पन्ने भर रहे हैं
पाठकों को बरगला रहे हैं
निरंतर मूर्ख बना रहे हैं
11-10-2010
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