हंसमुख जी
प्रधान मंत्री बन गए थे
लाल किले से भाषण दे रहे थे
दस वर्ष में गरीबी मिटा देंगे
भूख से किसी को नहीं मरने देंगे
अगर ऐसा ना हुआ तो,राजनीती छोड़ देंगे
जनता ने खूब तालियाँ बजाई
टी वी, अखबार में,खूब वाह वाह हुई
मैंने अकेले में उनसे पूँछा
दस वर्ष में गरीबी मिटा देंगे
भूख से किसी को नहीं मरने देंगे
अगर ऐसा ना हुआ तो,राजनीती छोड़ देंगे
जनता ने खूब तालियाँ बजाई
टी वी, अखबार में,खूब वाह वाह हुई
मैंने अकेले में उनसे पूँछा
एक बात समझ नहीं आयी
निरंतर ऐसे वादे क्यों करते हैं
जिनको पूरा नहीं कर सकते
वे बोले तुम मूर्ख हो
जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है
क्या दस वर्ष में,कोई गरीब ज़िंदा बचेगा?
फिर कैसे कोई गरीब,भूख से मरेगा
जिनको पूरा नहीं कर सकते
वे बोले तुम मूर्ख हो
जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है
क्या दस वर्ष में,कोई गरीब ज़िंदा बचेगा?
फिर कैसे कोई गरीब,भूख से मरेगा
स्वतंत्रता से अब तक,जनता नहीं समझ सकी है
अब क्या ख़ाक समझेगी
अब क्या ख़ाक समझेगी
नेताओं की हर बात में,एक राज़ छुपा होता है
उसको सिर्फ नेता ही समझता है
उसको सिर्फ नेता ही समझता है
तुम कैसे समझोगे
12-10-2010
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